Ads

पंडितजी गैलाईथ दवाई लैं।

पंडितजी गैला दवाई के दूकान पर 😇😇😇

पंडितजी :- हमरा ऐगो दवाई दिय त।
दूकानदार :- कि भेल पंडितजी।
पंडितजी :- आहा से सब छौरू हमरा पहिले ऐगो दवाई दिय।
दूकानदार :- अरे पहिले आहा बतेबइ कि आहा कै होई किया तखन न हम आहा के दवाई दैब।
पंडितजी :- आई न हमरा कतऊ निमंत्रण नई या ।
दूकानदार :- अरे से सब ऐखन छौरू आहा के कि हौई या से बताबू ?
पंडितजी :- अरै सैहा त कहई छि ।
                आई से पांच दिन तक हमरा कियउ निमंत्रण नई देत ऊहा सोचई छी कि हम खैब कतअ । और ईहा सोचई छि त हमर मून नई निक लाईग रहल हण । आब आहा हमरा ऐगो ऐहन दवाई दिय जई से हमर मून थिक भ जाई।

::::; दूकानदार बैहौस:::;;; 
😁😁😁😁😁😂😂😂😂😀😀😀
           😇😇😇😇😇😇

About Anubhav jha

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.

0 Comments:

Post a Comment