भौजक नाम पे खौज
गाव के भोज ।
ऐकटा गाव मैं रामा नामक ऐगो व्यक्ति छैला । उनका ओई ठुम भौज छला । जइ दिन उनका ओई ठुम भौज छला औहिया दिन गाम मैं पाच ठुम भौज छलै । ऐकटा बच्चा छला उ रामा सै बहूत बात करे छला ।ऐक दिन रामा और बच्चा दूनौ गोटा दलान पर बैठल छला । गाव के लौग बच्चा के कहलक की रामा तौरा भौज कहिया खूऐतउ तौहर भौज त बाकी छऔ न। बच्चा रामा के कहलके ; कहिया भौज खुऐबे । रामा कहलक चलनै ऐखने खुवा दै छियौ । बच्चा कहलके हम असगरे नैइ खैब सब के साथ खैब । रामा बात के टाईल दलक । बच्चा बाहर मै कतउ पढई छल । बच्चा पढई ले चईल गैल । किछ दिनक बाद बच्चा गाव ऐल । जई दिन बच्चा गाव ऐल औही दिन रामा औकरा कहलक चलु बउवा आई हमरा औईठुम भौज ये सब गेल खाई ले । बच्चा रामा संगे चअइल गेल ।
जखन उ खाई ले बइसल तखन औकरा पता लागल कि ई जितन राम के भौज छिये जकरा गाव के लोग रामा रामा कही के बजबेई छै
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