रामा के ऐकादशी और अपन पौता के उपनयन करइ कै छला। औकरे भौज हूई बला छलइ।गाव के लौक सब ऐकर ईनतजार बहूते दिन से करइ छला कि रामा निक भोज करत। रामा के काज भ गेलै । आब एल भोजक दिन । रामा पूरा गाव के निमंत्रण देलक । पूरा गाव के आदमी के यकीन नई हौई की रामा पूरा गाव के निमंत्रण द देलकइ हन।
सब चलल भोज खाइ लै
रामा जतअ भोज केने छला औइठम गेट पर १० (10) गौ आदमी सबके गंजी के अंदर मे दैखइ छला कि के जेनउ पहिन कर के ऐल हन और के नइ । जे जनउ नई पहिनने छला औकरा अंदर नई आब दलकइ ।
रामा बाहर आइब के कहलकई आहा हब के नई पता या कि ऐकादशी के भोज मे कैवल जैनउ भैल ब्राह्मण खाई ले आबई छै।।।।
रामा के अगर कियो पूछई कि रामा उपनयन के भौज नई करमिहिन त रामा जनउ भैल ब्राह्मण के बजा के ओकरे सामने पूछइ यौउ भोज केहन छला।😂😂😂😂😄😃😊😊
सब चलल भोज खाइ लै
रामा जतअ भोज केने छला औइठम गेट पर १० (10) गौ आदमी सबके गंजी के अंदर मे दैखइ छला कि के जेनउ पहिन कर के ऐल हन और के नइ । जे जनउ नई पहिनने छला औकरा अंदर नई आब दलकइ ।
रामा बाहर आइब के कहलकई आहा हब के नई पता या कि ऐकादशी के भोज मे कैवल जैनउ भैल ब्राह्मण खाई ले आबई छै।।।।
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